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जीने के लिए सोचा ही नहीं, दर्द सभाले ने, होगे

जीने के लिए 
सोचा ही नहीं, 
दर्द सभाले ने, 
होगे 
मुस्कुराये तो मुस्कुराने 
के कर्ज उतारने होगे। मेरे अलफाज, मेरे किश्शे
जीने के लिए 
सोचा ही नहीं, 
दर्द सभाले ने, 
होगे 
मुस्कुराये तो मुस्कुराने 
के कर्ज उतारने होगे। मेरे अलफाज, मेरे किश्शे