Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुझ संग मोहब्बत के मैंने सपने सजाए। ना कोई खबर की

तुझ संग मोहब्बत के मैंने सपने सजाए।
ना कोई खबर की ना तुम खुद ही आए।

तुझ बिन आंखों में बीती सारी रात मेरी।
फिजाओं ने भी मेरे संग दर्द के गीत गाए।

कितनी चाहत थी तुमको मैं अपना बनाऊं।
तुझको पाकर सदा मैं मिलन के गीत गाऊं।

वफाई के बदले मुझको बेवफाई मिली है।
अपना हाल-ए-दिल मैं किसको सुनाऊं।

तड़पती रहती हूं मैं तेरी चाहत में कितना,
"एक सोच" का यह किस्सा कैसे बताऊं। 
द्वितीय प्रतियोगिता, विषय  _ आंँखों में बीती सारी रात

 10 पंक्तियों में एक ग़ज़ल  लिखिए ।

कोलैब करने के पश्चात कमेंट में Done लिखें ।

 समयावधि_
तुझ संग मोहब्बत के मैंने सपने सजाए।
ना कोई खबर की ना तुम खुद ही आए।

तुझ बिन आंखों में बीती सारी रात मेरी।
फिजाओं ने भी मेरे संग दर्द के गीत गाए।

कितनी चाहत थी तुमको मैं अपना बनाऊं।
तुझको पाकर सदा मैं मिलन के गीत गाऊं।

वफाई के बदले मुझको बेवफाई मिली है।
अपना हाल-ए-दिल मैं किसको सुनाऊं।

तड़पती रहती हूं मैं तेरी चाहत में कितना,
"एक सोच" का यह किस्सा कैसे बताऊं। 
द्वितीय प्रतियोगिता, विषय  _ आंँखों में बीती सारी रात

 10 पंक्तियों में एक ग़ज़ल  लिखिए ।

कोलैब करने के पश्चात कमेंट में Done लिखें ।

 समयावधि_