परिवार किसी एक व्यक्ति का पूरा संसार होता है ठीक एक गुलाब के पौधे की तरह क्योंकि उसमें उस इंसान के सारे जज़्बात उस परिवार के हर टहनियों में खिलखिलाते पुष्पों के जैसे होते हैं। माँ-बाप के लिए उनकी संतानें हमेशा मुकुल के समान ही रहती हैं और गुलाब के शूलों की तरह कष्टों और समस्याओं को अपने मुकुलों पर ज़ाहिर नहीं होने देते। इस क़यामत के दौर में भी ये परिवार (वही परिवार जिसका अर्थ ही है जो चारों तरफ़ से हो रहे वारों से हिफ़ाज़त करे) ही तो है जो हमें सुरक्षा कवच में महफूज़ रखे हुए है क्योंकि सोशल मीडिया के ज़माने में देखे हैं लाखों दोस्त ज़नाब पर परिवार-सा अपनापन कहीं देखा नहीं। घंटों मशगूल रहे इस आभासी दुनिया में जीत पर आज परिवार के पुष्पों के अलावा कोई दिखा नहीं।। ©Jitendra VIJAYSHRI Pandey "JEET " #जीतकीनादानकलमसे #परिवार #१५मई२०२१ #११_०९ #Nojoto #nojotohindi #NojotoFilms #Internationalfamilyday Sudha Tripathi dhyan mira कवि राहुल पाल