यूं तो बरसना बे सबब घंटों आज खामोशी का आलम है जहां बोलना हो कतई लाज़िम वहां गहरी चुप्पी का मौसम है। आज जो मौन हैं अन्याय पर रूदाली हैं, बेचते हैं अपना रोना ऐसे पाए लोकतंत्र के रक्षक होंगे? चलो छोड़ो भी ! फिर न कहना। फिर न कहना... #jayakikalamse #फिरनकहना #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi