मैं आज भी वही हूँ उसी मोड़ पे खड़ी हूँ गुज़रा जहां से लम्हा वहीं राह देखती हूँ नहीं लौट कर वो आया शायद था कोई साया जिसको पकड़ के रखने की ज़िद पे मैं अड़ी हूँ कैसा जुनून है ये कैसा सुकून है ये माज़ी को सोचने की आदत में जी रही हूँ तारीखें कितनी बदलीं मौसम बदल गए सब हर शख़्स भी है बदला मैं आज भी वही हूँ मैं आज भी वही हूँ तुम!..... #मैंवहीहूँ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #अंजलिउवाच #वक़्त #माज़ी #मौसम