मन की व्याकुलता को समझो, इस तन में बहुत 'थकावट' है। ये दिल लूट लिया दिलवालों ने, दिलवालों में बहुत 'सजावट' है। क्यों घुल जाते हो इन रंगों में, यह केवल कच्ची 'रंगावट' है। क्यों लुट जाते कच्चे रंगों पर, इन रंगों में बहुत 'मिलावट' है। प्रेम था बहुत अलग पहले का, आज प्रेम की बहुत 'बदहालत' है। माप दिया जिस्मों से प्रेम को , आज प्रेम में बहुत 'गिरावट' है। "कुमार आदित्य यदुवंशी"✍️ ©Aditya Yadav #changing_state_of_love