बरसात जब आती है तेरी याद आती है। कभी धड़के थे दो दिल साथ साथ तुझसे हुई हर मुलाकात याद आती है। यहीं खिले थे रंगीले उल्फत के फूल तुमसे की थी जो मीठी बातें वो हर बात याद आती हैं। कभी हँसते थे मुसकुराते थे गीत गाते थे। वो तेरी कुर्बत हर सौगात याद आती है। तुमने दर्देदिल राहें वफ़ा दीं। तेरे संग जो गुजरी छोटी बड़ी हर बात याद आती है। बेखुदी में रात दिन गुजरते थे तेरे ही साये में । वो हर एक महकता दिन हर रात याद आती है। शायर:- शैलेन्द्र सिंह यादव #gif शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी तेरी याद आती है