तुम्हें भी अब सरकार की खिलाफत में जाना है! सीधे सीधे क्यूं नहीं कहते, सियासत में जाना है!! तो याद रखना:- धोखा फरेब झूठ मक्कारी ग़र ख़ुद को सिखा सकोगे तब कहीं सियासत में पांव जमा सकोगे हो भी गया कोई नेक काम तुम्हारे हाथों, वही नेकी उसी दरिया में डालकर आ सकोगे तब कहीं सियासत में पांव जमा सकोगे ख़ूबियां सरकार की नज़रंदाज़ ही करना, ख़ामी अगर मिले तो हज़ार बार गिना सकोगे तब कहीं सियासत में पांव जमा सकोगे #सियासत