25. सितारों सा चांद सूरजमुखी की पत्तियों पर, ओस की ठंडी बूंद सा जम जाउं. रंगों की गुलामी में, चेहरे पर वो निशान बन जाऊं. दीवारों में दबी ईटों में, ऐसा अटूट साथ बन जाऊं, तेरे आसमां की इतनी भीड़ में, सितारों सा चांद बन जाऊं. प्रात: के ख्वाबों में, सुखद ख्याब बन जाऊं. ©Ankit verma utkarsh❤ collection:- -ठंडी धूप 25th poetry #kissday