1. स्वर्ग की सैर युगों में लिखी गई, स्वर्ग की सीढ़ियों पर चढ़ी गई, गैर को अपना बनाकर चलते हुए, कहानी की दिलदारी की गई। उर्म के पड़ाव को पूरा करते हुए, उम्र की दहलीज पार की गई। स्वर्ग की सैर पर जाते-जाते, स्वर्ग में तुम्हारी उपस्थिति महसूस की गई। हाथ मिलता तो सरल हो जाता, कश्ती भी पतवार बिन पार हो गई। बरसात की तेजी में सूखा कोई, धूप में देह गीली हो गई। मैं सांस लेता तो लफ़्ज़ निकल आते, मेरा जीवन ही शायरी हो गई। स्वर्ग की सैर पर जाते-जाते, स्वर्ग में तुम्हारी उपस्थिति महसूस की गई। ©Ankit verma 'utkarsh' 5 years in NOJOTo❤️❤️ #nojotihindi #nojotians #nojatolove #nojotian #nkjotolovestatus #Nojoto खामोशी और दस्तक