यारा साँस लेने में लगता है इतना डर लगता है साँस लेकर ही जाऊ न मर कोई और नहीं हैं इंसान के सिवा जो घोल रहा हैं हवाओं में जहर तरक्की हुई है बेशक बहुत कमलेश जहरीली फिजायें भी हैं तरक्की का असर जेहनी गुलाम हम, बदन के भी गुलाम हैं दुनियाँ की तबाही में, न छोड़ी कोई कसर. ©Kamlesh Kandpal #jahar