कामयाबी सामने खड़ी थी। गम थे उसकी आँखों में, मेरे ज़िन्दगी की सबसे अज़ब घड़ी थीं। राहते थी उसकी आँखों से मुझे, वरना ज़िन्दगी की तो सबको पड़ी थी। चाहता तो मुकर जाता उसकी मोहब्बत से, लेकिन दिल की दरिया में सिर्फ उसकी पतवार खड़ी थी।। ये आँसू दीवार बन जाते हैं... #रास्तारोकलिया #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #munasif_e_mirza #munasiflove #paidstory