ये कशमकश है कैसे बसर Zindagi करें, पैरों को Kaat फेंके या चादर बड़ी करें। फिक्र है सबको खुद को सही साबित करने की, जैसे ये ज़िन्दगी ,ज़िन्दगी नहीं, कोई इल्जाम है। #chetan Thareja