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मैं जमीं पर रहकर आसमां को छूने चली थी नदी के एक कि

मैं जमीं पर रहकर आसमां को छूने चली थी
नदी के एक किनारे खड़े दूजे को मिलने चली थी
मैं उल्लू होकर उजाले से दोस्ती करने चली थी
जब आँख खुली तो हकीकत सामने पाई
मैं बिन पानी (प्रेम) के पेड़ (स्वयं) को सींचने चली थी

©Priya Singh
  #ClimbTheSky #Dream #Broken #Life #Love #ishq
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Priya Singh

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