उड़ने दो जहां में मुझे, अभी सफर बहुत बाकी है, घने बादलों में छुपी मंजिल के, अभी कई पहलू बाकी हैं, होने दो अंधेरा हर तरफ, मेरी मशाल मुझ में बाकी है, उड़ने दो जहां में मुझे, अभी सफर बहुत बाकी है।। जानता हूं कि अभी मुझको, कई तुफानो से लड़ना होगा, फिर तो ऐ खुदा उससे, मिलने का मज़ा होगा रुख़सत उससे होने का, सितम मुझमे बाकी है, उड़ने दो जहां में मुझे, अभी सफ़र बहुत बाकी है।।। पारिजात long way to travel......... #nojoto#poem#motivation#towards#manjil