ऐ जिंदगी! ठहरो तो जरा, तुमसे थोड़ी सी गुफ्तगू करनी है। थोड़ा तुम समझो, थोड़ा हम तुमको समझने की कोशिश करें। चलती चली जा रही हो अकेले, हमें भी साथ ले कर चलो। जिंदगी हो हमारी, कभी हमसे भी प्यार से गले मिला करो। प्यार करते हैं तुम्हें, बना कर रखा है हमसफर तुमको अपना। कहते-सुनते, हंसी-खुशी, साथ-साथ सफर कट जाएगा अपना। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 📌 रचना का सार..📖 के Pin Post पर 📮 वाले नियम अवश्य पढ़े..😊🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-69 में स्वागत करता है..🙏🙏