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लगे आग पानी में समंदर खाक हो जाए, होता तो है पर अक

लगे आग पानी में समंदर खाक हो जाए,
होता तो है पर अक्सर नहीं होता।

कुछ के पीछे होता है लहू अपना,
हर तजुर्बे के पीछे मुकद्दर नहीं होता।

समझदारी भी ले लेती है जान समझो,
हर घाव का सबब गफलत नहीं होता।

अपने आप को तुम सीखो आंच लगाना,
सूरज हर बार मयस्सर नहीं होता।

कई बार टूटा होगा कांच उसका,
यूंही कोई इंसान पत्थर नहीं होता।

©Tanya Sharma (लम्हा) बस यूंही

कैसे हैं यहां सभी बोले तो नोजोटो परिवार अपना
लगे आग पानी में समंदर खाक हो जाए,
होता तो है पर अक्सर नहीं होता।

कुछ के पीछे होता है लहू अपना,
हर तजुर्बे के पीछे मुकद्दर नहीं होता।

समझदारी भी ले लेती है जान समझो,
हर घाव का सबब गफलत नहीं होता।

अपने आप को तुम सीखो आंच लगाना,
सूरज हर बार मयस्सर नहीं होता।

कई बार टूटा होगा कांच उसका,
यूंही कोई इंसान पत्थर नहीं होता।

©Tanya Sharma (लम्हा) बस यूंही

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usssharma6827

Lamha

Bronze Star
New Creator

बस यूंही कैसे हैं यहां सभी बोले तो नोजोटो परिवार अपना #Poetry