ओ माँ! तेरे चेहरे की झलक देखकर मेरे दिल को सुकून मिल जाता है। जब प्यार से सर पर हाथ रखती है मेरा अंतर्मन प्यार से खिल जाता है। मेरी राहों के सारे काँटे चुनकर माँ तू मेरे लिए गुलाब सी बन जाती है। दुनियाँ की बुरी नजर नजरों से बचाने के लिए काला टीका तू लगाती है। ओ माँ! तू मेरे लिए आंगन की तुलसी, पावन बरगद की छाया जैसी है। माँ तू अपने सारे सपनों का महल गिरा कर हमारे सारे सपने सजाती है। ओ माँ! तेरे चरणों को छू कर पानी गंगाजल से भी पवित्र बन जाता है। माँ तुझसे दूरी हम सह ना पाएंगें, तेरे बिना हमें जीवन अधूरा लगता है। आपका आज का टॉपिक है "सुकून" •••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• ✍🏻✍🏻Collab करने के बाद done जरूर लिखे✍🏻✍🏻👍 ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••