जिंदगी हर मोड़ पर सवाल करती ही रहती है, हर सवाल का मिलकर जवाब ढूंढते हैं चल । अनजानी ही सही पर प्यार की राहें ही तो है, मिल जाएगी मंजिल भी तू मेरे साथ तो चल। माना हर बार यहांँ मर मर कर जीना पड़ता है, मर मर कर ही सही साथ मिलकर जीते हैं चल। हर किसी को शिकायतें हैं यहाँ अपनी जिंदगी से, शिकायतों को दूर करने की कोशिश करते हैं चल। समझा कर थक गई है "एक सोच"इस जिंदगी को, एक बार और समझाने की कोशिश करते हैं चल। 👉🏻 प्रतियोगिता- 229 🌹ग़ज़ल प्रतियोगिता प्रत्येक गुरुवार 🌹 🙂आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"जीते हैं चल"🌹