आदर्शों के साथ समझौते, कैसे देखूं सही को गलत होते? पग पग विवेक,पग पग विवेचना, है आदर्शों को कत्ल होते देखना, अटल यथार्थ से जब मिलते है, करते है आदर्शों की सौदेबाजी, एक एसा मुक़ाम आए जहाँ दोनो ही पक्ष हो राजी, हाँ चलना मुझे भी है, जमाने की शर्त है, हाँ ढलना मुझे भी है, कितना कुछ कहना है, हो अगर मंजूर जमाने को, मुझे बस मेरे जैसा रहना है, क्या आदर्शों से भिडेगा यथार्थ? युद्धभूमी मे बस खड़ा रहेगा पार्थ? #yqdidi #hindi #poetry #reality #values #principles_of_life #hindipoetry #decision