हमदर्द ने दर्द को मरहम खूब लगाया अब इसे मक्खन लगाने जा रही हूं इस बस्ती का हाल ए दिल कलम ने सियाही में डूब डूब बताया अब इसे ढक्कन लगाने जा रही हूं अलविदा....फिर लिखेंगे मनु हमदर्द 🙏 need a break...