शायद इन्ही बंधन तले बंधी है बेड़ियां उनकी...वरना थोड़ी सी मोहब्बत तो उन्हें भी थी मुझसे...चूड़ियों की खनक में,बंधन की अद्रश्य बेड़ियों को बना कर पायल के घुंघरू जुड़े में कस के बाँध लेना...और ओढ़ कर सलीका माथे पर....समाज की सामंती सोच में ढलना...!! ☢ थोड़ी सी मोहब्बत तो उन्हें भी थी मुझसे...!!