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सफर खुशनुमा होगा ये तो खबर थी, मगर साथ चलने वाले इ

सफर खुशनुमा होगा ये तो खबर थी, मगर साथ चलने वाले इतने नायाब होंगे ये कहां अंदाज़ा था।
एक जैसे ख्याल रखते हैं हम, फर्क बस इतना है कि मुझे शब्दों से लगाव है और उसकी बेहतरी देख कर लगता है कि खुद शब्दों को उससे।
अब साथ चले ही हैं तो मुसाफिर भी लाजवाब कहलाएंगे  
मंजिलें विराम लाती है ,तो इसलिए हम रास्तों में ही खुश हो जाएंगे!!

©Eloquent Kalam to my dear writer friend
a present

#Morning
सफर खुशनुमा होगा ये तो खबर थी, मगर साथ चलने वाले इतने नायाब होंगे ये कहां अंदाज़ा था।
एक जैसे ख्याल रखते हैं हम, फर्क बस इतना है कि मुझे शब्दों से लगाव है और उसकी बेहतरी देख कर लगता है कि खुद शब्दों को उससे।
अब साथ चले ही हैं तो मुसाफिर भी लाजवाब कहलाएंगे  
मंजिलें विराम लाती है ,तो इसलिए हम रास्तों में ही खुश हो जाएंगे!!

©Eloquent Kalam to my dear writer friend
a present

#Morning