ज़िन्दगी कांदा माफिक कितने परतों में रहस्य समेटे चुपचाप कटे स्वाद बढ़ाये कम रुलाये ग़र जो ज्यादा उधेड़बुन में उलझे बस रुलाये ही रुलाये (त्वरित विचार) ✍-राजकुमारी आपको क्या लगता है? #nojoto #Nojotohindi