दर्द-ए-कश्मीर दो मुल्कों के बीच बनी, मैं कठपुतली जागीर की । टुकड़ों-टुकड़ों में बँटी, माटी मैं कश्मीर की ।। ----कुमार नवीन माटी मैं कश्मीर की