तेरे जैसा यार कहाँ, मैं रूठूँ तो तू मनाता है ,वो कितने नखरे ऊठाता है मैं लाख छुपाऊँ बातों को तू ,फिर भी सब पढ़ जाता है बस आंखों में तू नमी देख, मेरे दुश्मन से लड़ जाता है मैं गुमशुम थोड़ी हो जाऊँ क्या? तू हर नुस्खे अपनाता है माँ बाप से गर जो डांट पड़े, तू ही साथी बन जाता है जब हार मान लूं दुनिया से, तू हमराही बन जाता है मेरे मुस्कान के खातिर तू ,आंसू भी नहीं दिखाता है ऐसे बहरूपिये दुनिया में, तेरे जैसा यार कहाँ तू हर पल रहना साथ मेरे, तेरे जैसा यार कहाँ..।। ©amisha #दोस्त#तेरे_जैसा_यार_कहां