उसकी तस्वीरें फिर से संजोने लगा हूं मैं फिर से मोहब्बत में रमने लगा हूं उसकी ज़ुल्फों से लगना, उसकी हँसी पर फिसलना लोगों को अब फिर मैं खटकने लगा हूं मैं फिर उससे मोहब्बत करने लगा हूं मैं फिर उसके लिए मचलने लगा हूं मैं उसके तराने सुनाने लगा हूं मैं उसके किस्से सुनाने लगा हूँ उसकी तस्वीरे फिर से संजोने लगा हूँ रातों की नींदें उड़ी है मेरी अब लोगों की नजर में मैं सोने लगा हूँ मोहब्बत में मैं फिर उबरने लगा हूँ सितम ये है के मैं बहकने लगा हूँ समेटे वो मुझको बाहों में अपने मैं फिर ख्वाब ऐसे सजाने लगा हूँ #कुमार किशन #तस्वीर