सीने में दबा रखे थे , मैंने #जज्बात
जितने भी #मां के खातिर,
आज निकाल कर उन #जज्बातो को ,
हर जज्बात पर रोया
हर पल तुझे सोचा हर ,#बात पर तुझे याद किया
जिस बात पर तूं याद आई ,
मां , मैं हर उस #बात पर रोया
जहां मिल गये आंसू मेरे , इक ₹नदी के नीर से #बंद#आंखें#कगार