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समझता हूँ तेरी नजरों में उमड़ा प्रेम का सागर छलक

समझता हूँ तेरी नजरों में 
उमड़ा प्रेम का सागर 
छलक जाये कहीं न अब 
सनम ये धैर्य की गागर 
बताऊँ मै तुझे कैसे 
कि तेरी याद आती है 
जुदा अब सनम पलकी 
सही हमसे न जाती है 
मैं यूँ कहदूँ तुझी से है 
सनम ये जिन्दगी मेरी 
न जाँनू  मै सनम आब 
है कहाँ पर आशकी तेरी 
अगर तुम साथ दो मेरा 
मैं दुनिया को बता दूँगा 
जलायेगी आगर दुनिया 
मै दुनिया को जला दूँगा 
बताऊँ मैं सनम कैसे 
कि तेरी याद आती है 
जुदाई अब सनम पलकी 
सही हमसे न जाती है'

©Anurag Kairati 
  समझता हूँ तेरी नजरों में 
उमड़ा प्रेम का सागर 
छलक जाये कहीं न अब 
सनम ये धैर्य की गागर 
बताऊँ मै तुझे कैसे 
कि तेरी याद आती है 
जुदा अब सनम पलकी 
सही हमसे न जाती है

समझता हूँ तेरी नजरों में उमड़ा प्रेम का सागर छलक जाये कहीं न अब सनम ये धैर्य की गागर बताऊँ मै तुझे कैसे कि तेरी याद आती है जुदा अब सनम पलकी सही हमसे न जाती है #कविता

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