बुराइयाँ लाख सही मुझमें... फिर सामने मेरे कहने की हिम्मत क्यों नहीं तुझमें... ©कवि मनोज कुमार मंजू #बुराइयाँ #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू #शिकायत #alone