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ना मिलना था उससे, ना कोई मजबूरी थी, अल्फ़ाज़ तो बह

ना मिलना था उससे,
ना कोई मजबूरी थी,
अल्फ़ाज़ तो बहुत थे,
पर जज़्बातो से अधुरी थी । #mypoet
ना मिलना था उससे,
ना कोई मजबूरी थी,
अल्फ़ाज़ तो बहुत थे,
पर जज़्बातो से अधुरी थी । #mypoet