मुझे मेहनत से छूना आसमाँ,मंज़िल को पाना है सभी मुश्किल को करके पार,आगे बढ़ते जाना है कभी तूफान,टेढ़े रास्ते होंगें,कभी खाई मुझे तो बस सफ़र का लुत्फ़ पूरा ही उठाना है तजुर्बा गिर के संभलने या राहों में भटकने का सभी ठोकर से सब सीखना,खुद को सिखाना है पहाड़ों से भी मज़बूत रख इरादों की नींव को अंदर खुदी को खुद से हर इम्तिहानों में जिताना है करोगी नाम रौशन अपने घर का दीप बन 'नेहा' निशाँ मंज़िल पे तुमको हर दफ़ा ऐसा बनाना है। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1098 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।