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हर सुबह और शाम तुम्हारे नाम करता हूं। छिप कर नहीं

हर सुबह और शाम तुम्हारे नाम करता हूं।
 छिप कर नहीं मैं ‌तुझपे सरेआम मरता हूं।
जमाना क्या कहे मुझे,  फर्क नहीं पड़ता।
तिरे हर अदा पर मैं जान निशार करता हूं। सुबह और शाम तुम्हारे नाम करता हूं।
हर सुबह और शाम तुम्हारे नाम करता हूं।
 छिप कर नहीं मैं ‌तुझपे सरेआम मरता हूं।
जमाना क्या कहे मुझे,  फर्क नहीं पड़ता।
तिरे हर अदा पर मैं जान निशार करता हूं। सुबह और शाम तुम्हारे नाम करता हूं।

सुबह और शाम तुम्हारे नाम करता हूं।