#OpenPoetry पहली मुलाकात थी वो । मेरे सामने खड़ी कायनात थी वो । शर्म से आंखें झुकी थी उसकी । देख के उसे सांसें रुकी थी मेरी । एहसास बहुत अजीब था । पहली बार कोई इतने करीब था । जैसे जहान की सारी खुशियाँ उस दिन मुझे ही मिली थी । जैसे इश्क की हवा उस रोज सिर्फ मेरे ओर ही चली थी । फिर हिम्मत करके मैंनें उसके हाथों को अपने हाथों में थाम लिया था । उसे हमेशा के लिए अपना मान लिया था । फिर झुकी हुयी आंखें उसकी उठने लगी थी । नजरों से नजर मिलने लगी थी । जैसे उसकी आंखों में मुझे अपना ठिकाना मिल गया था । मुझे अपने होंठों को उसके होंठों के नजदीक लाने का बहाना मिल गया था । उसके नर्म होंठों का एहसास बहुत प्यारा था । पी लिया था जैसे कोई जाम और नशा बेतहाशा था । बाहों में बाहें थी और आंखें बंद थी । रहेंगे हर वक्त साथ खायी ये सौगन्ध थी । - Ankit dhyani #pehlimulaaqaat #nojoto #nojotohindi #nojotonews