न दो पल चैन है किसी को... न आराम कहि मिलता... मशीन बन चूका है पूरी तरह आदमी.... कहि देखने पर भी इंसान नही मिलता!!! करता है मेहनत दिन रात वह ऐशो आराम के लिए .... पर अफसोस उसे उसके अपनों में ही कोई अपना नहीं मिलता... जानता है इस सारे जगत के धर्म और अधर्म वह... पर चाह कर भी वह अधर्म का रास्ता छोड़ नहीं सकता... अपनों के सुख की लालसा में वह भागता है दिन-रात... पर अंत में उसे अपने अपनों का सहारा भी नहीं मिलता.... न दो पल चैन है किसी को.... न आराम कहि मिलता... मुक्कू #Hope #coronaviros #experience