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उनकी नज़र तुम्हें निहारे जो क्यो मन को मेरे ना भाये

उनकी नज़र तुम्हें निहारे जो
क्यो मन को मेरे ना भाये
तू तो है मेरी ही बंजारन
दिल को भला कौन समझाये •☆• जीएटीसी कोलाॅबज़ ५•☆•
        《हिंदी चैलेंज ९》

नियमावली:

१. आप कविता, गद्य, कहानी, पत्र, बात-चीत - किसी भी रूप में अपना कोलाॅब लिख सकते हैं। आपकी रचना मेरी पंक्तियों के विषय से मेल खानी चाहिएँ। 

२. आप चाहें तो कितनी भी लंबी रचना लिख सकते हैं, अनुशीर्षक में भी लिख सकते हैं। रिव्यूज़, बुकमार्कज़ एवं हाईलाईट -- संपूर्ण कृति के आधार पर ही होंगे।
उनकी नज़र तुम्हें निहारे जो
क्यो मन को मेरे ना भाये
तू तो है मेरी ही बंजारन
दिल को भला कौन समझाये •☆• जीएटीसी कोलाॅबज़ ५•☆•
        《हिंदी चैलेंज ९》

नियमावली:

१. आप कविता, गद्य, कहानी, पत्र, बात-चीत - किसी भी रूप में अपना कोलाॅब लिख सकते हैं। आपकी रचना मेरी पंक्तियों के विषय से मेल खानी चाहिएँ। 

२. आप चाहें तो कितनी भी लंबी रचना लिख सकते हैं, अनुशीर्षक में भी लिख सकते हैं। रिव्यूज़, बुकमार्कज़ एवं हाईलाईट -- संपूर्ण कृति के आधार पर ही होंगे।
akankshagupta7952

Vedantika

New Creator

•☆• जीएटीसी कोलाॅबज़ ५•☆• 《हिंदी चैलेंज ९》 नियमावली: १. आप कविता, गद्य, कहानी, पत्र, बात-चीत - किसी भी रूप में अपना कोलाॅब लिख सकते हैं। आपकी रचना मेरी पंक्तियों के विषय से मेल खानी चाहिएँ। २. आप चाहें तो कितनी भी लंबी रचना लिख सकते हैं, अनुशीर्षक में भी लिख सकते हैं। रिव्यूज़, बुकमार्कज़ एवं हाईलाईट -- संपूर्ण कृति के आधार पर ही होंगे।