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धूप सुनैहरी खूब फब रही अपने जीवन के बसंत में रात

धूप सुनैहरी खूब फब रही अपने जीवन के बसंत में 
रात चांदनी भी मखमली सी दस्तक दे रही आंगन में 
तुम परियों सी लगती हो  बेशक मैं पर्वत से कम नहीं 
जिधर भी देखोगी शर्तिया नजर आएंगे सिर्फ हम ही
बहुत ही छोटे दिन होते हैं प्रिय खुशियों से सुसज्जित 
खुशियां  टिकी रहेंगी तुम विश्वास  रखना वास्तविक 
बबली गुर्जर

©Babli Gurjar वास्तविक Ravi Ranjan Kumar Kausik Sethi Ji Bhardwaj Only Budana Lalit Saxena Ashutosh Mishra Mili Saha
धूप सुनैहरी खूब फब रही अपने जीवन के बसंत में 
रात चांदनी भी मखमली सी दस्तक दे रही आंगन में 
तुम परियों सी लगती हो  बेशक मैं पर्वत से कम नहीं 
जिधर भी देखोगी शर्तिया नजर आएंगे सिर्फ हम ही
बहुत ही छोटे दिन होते हैं प्रिय खुशियों से सुसज्जित 
खुशियां  टिकी रहेंगी तुम विश्वास  रखना वास्तविक 
बबली गुर्जर

©Babli Gurjar वास्तविक Ravi Ranjan Kumar Kausik Sethi Ji Bhardwaj Only Budana Lalit Saxena Ashutosh Mishra Mili Saha