अजीब दास्तां है ये खुद ही लिख लिए और खुद ही को सुना लिए कह न सके किसी से। दर्द सा उठ रहा दिल में जां भी है मुश्किल में रोना तो चाहा कई दफे मगर कभी रो न सके। #अजीब दास्तां है ये