#गीत_हिंदी_के____ गीत भवरों सा हम गुनगुनाने लगे, माता हिंदी को हम भी सुनाने लगे । लिख लिए शव्द भी, पढ़ लिए अर्थ भी काव्य का भी क्रम हम यूँ बनाने लगे । हो गयी काव्य की निशा, दिन ढल सा गया ढलते दिन में भी हम गुनगुनाने लगे । #मोहित_द्विवेदी_एक_नन्ही_कलम✍️✍️✍️✍️ #हिंदी_के_मोहित_गीत