ना जाने वो क्यों मुझे छिप छिप कर देखा करती है कहीं उसे मुझ से मोहब्बत तो नहीं। ना जाने वो क्यों मुझे छिप छिप कर देखा करती है कहीं उसे मुझ से मोहब्बत तो नहीं।