ऐ ज़िंदगी अपने कुछ हुनर सिखा दे मुझे.. ना ज़्यादा ना कम, ज़रूरतभर बता दे मुझे.. ना गुज़रा वक़्त देखु.. ना आने वाले वक़्त की फ़िक्र हो.. बस आज मे जीना सिखा दे मुझे.. ऐ ज़िंदगी अपने कुछ हुनर सिखा दे मुझे.. किसी के होने ना होने का फ़रक न पड़े.. बाकी अपने हिसाब से चला दे मुझे.. ऐ जिंदगी जीने का हुनर सिखा दे मुझे... दूसरों से पहले खुद के बारे में सोचूं.. कुछ इतना सा मज़बूत बना दे मुझे.. किसी की भी बात दिल पर ना लगे.. भूलने की तरकीब सिखा दे मुझे.. ये मासूमियत अक्सर तकलीफ़ देती है ज़माने की कुछ चालाकियां भी सीखा दे मुझे.. ऐ ज़िंदगी अपने कुछ हुनर सिखा दे मुझे.. ✒️ शिरीन अहमद ©Shireen Ahmed #Shades