नफरत से भरा रहता है अब सब डगर अच्छाई अपने किरदार में बसा कर रखो सब मशरूफ हैं अपने तकलीफों में मगर हाँ ख्वाबों को अपने तुम सजा कर रखो तन्हाइयों में सिमटने लगा है अब शहर थोड़ी सी मासूमियत जरूर बचा कर रखो सुप्रभात। थोड़ी सी मासूमियत जीने के लिए काफ़ी होती है... #थोड़ीसीमासूमियत #collab #yqdidi #रूप_की_गलियाँ #rs_rupendra05 #YourQuoteAndMine #किरदार #ख्वाब Collaborating with YourQuote Didi