तुझसे उम्मीद क्या करूं जिससे उम्मीद थी वो नाउम्मीद कर गई लाख रोकना चाहा मैंने पर जाने की जिद कर गई बारिश भी आई थी कल तेरी यादें भिगो कर गई कुछ ख्वाब अधूरे थे बाकी वो ख्वाब अधूरे धो कर गई कल चांद भी निकला था छत पे चांदनी भी घर को आई थी देखने वाला अकेला था मै मेरी जां नजर न आई थी रहे जहां तू हसती रहे मेरा छोड़ो मै ठीक हूं मासूमियत का फायदा उठा लेते है लोग मै इतना ज्याद सरिफ हूं मिलेंगे मेरे जैसे बहूत पर मै न मिलूंगा वादा है हस लेता हूं अब भी मै सायद मोहब्ब्त तुमसे ज्यादा है। ©pradeep kumar #Love #bewfaishq #droplets