इक प्यार था जो चला गया तो क्या हुआ जो चला गया क्या राह मेरी अब रुक जाएगी या चाह मेरी अब थक जाएगी क्या खामोश ही मैं अब हो जाऊंगा या तन्हा ही रह जाऊंगा गर ऐसा कुछ मैं कर जाऊंगा तो बता भला फिर क्या पाऊंगा क्या मेरी मंज़िल बस इतनी है और मेरी राहें क्या ऐसी है अभी बहुत कुछ पाना है बहुतों का साथ निभाना है मैं खुश उन संग भी हो जाऊंगा पर यूँ तन्हा ना जी पाऊंगा क्या हुआ एक हिस्सा टूट गया, क्या हुआ एक हिस्सा टूट गया टूट गया तो टूट गया क्या जीवन भर दर्द मनाऊंगा और आने वाली खुशियों को भी क्या अभिशापित कर जाऊंगा और बीते खुशनुमा पलों को भी क्या दागदार मैं कर जाऊंगा गर ऐसा कुछ मैं कर जाऊंगा तो बता भला फिर क्या पाऊंगा अरे, तुमने ही तो सिखलाया था हर गम को छोड़ बढ़ जाना चाहे मुश्किल कितनी भी हो हर दरिया पार कर जाना इस गम को भी मैं सह जाऊंगा और आगे फिर मैं बढ़ जाऊंगा हाँ मैं तो नसीबों वाला था हाँ मैं तो नसीबों वाला था मुझको इतना भी प्यार मिला कुछ आंखों में छुप कर देखूं मोहताज़ बहुत हैं इसके भी घाव बहुत है अंदर तक पर होठों पर मुस्कान लिए जब वो भी खुश रह सकते हैं तो मैं तो नसीबों वाला था मुझको इतना भी प्यार मिला मुझको इतना भी प्यार मिला।। 💐 मेरी कलम कुछ कहती है 💐 😊 रतनेश पाठक 😊 इक प्यार था जो चला गया तो क्या हुआ जो चला गया क्या राह मेरी अब रुक जाएगी या चाह मेरी अब थक जाएगी #nojoto #nojotoahindi #hindinama #poem #love