हसि,, खुशी,, चेहरे की, मुस्कान,,,,अब सिर्फ,,,,,, दिखावा है,, याद तो अब ,,बचपन आता है,,,,, ना ,हो उब्र का ,, पता,,, ,,ना ,हो खुद का ,, पता,,,,, मगर ,सुकुन हर पल में था,,,, यहि ,हमारा बचपन था,,,,,, ©Ravindra Yewale रब्बी #Lantern