अधिकारों की उठती मांग को दबाया जाना, अब नही सहा जाता... आलोचनाओं के नाम पर कुलोचनाओं को, अब नही सहा जाता... रहीश का रहीश और गरीब का गरीब होते जाना, अब नही सहा जाता... कंधो पर परिवार का बोझ और आँखों का रोते जाना, अब नही सहा जाता... लोकतंत्र मे लोकतंत्र का जुमला, अब नही सहा जाता... सर ताज़ के मुँह बोले शब्दों का इमला, अब नही लिखा जाता... बेरोजगारी मे आरक्षण का छालावा, अब नही सहा जाता... हाँ को हाँ और ना को ना, अब नही कहा जाता.. ©Prem kumar gautam #CannotTolerate #humanrights #humanrightsviolations #poverty #unemployment