मरने की दुआ की वो पूरी न हो सकी साथ तो छोड़ दिया मगर वजह नहीं बताई आखों में आसूं लाना चाहा मगर तेरे बिना आसूं अधुरा सा लगने लगा मोती का परिवार उसका माला होता है उसी तरह मेरा परिवार थे तुम ©Pakshi #8LinePoet