ये कौन मुझमे जागता है दिन और रात ये कौन है....जो मेरी सांसों में घुला है ये कौन है....जो दौड़ता है खून में मेरे. ये कौन है जो खुद को ही खोकर मिला है ये कौन मुझमे करता है औरों से बातें .. ये कौन है जिससे मैं छुटकारा न पाऊं ये कौन है जिसको ' लिए फिरती है' मेरी रूह ये कौन जिसका हमशक्ल खुद को ही पाऊँ..?