ये अलग बात है साकी की मुझे होश नही है वरना मैं कुछ भी हूँ अहसान फरामोश नही हूं में तेरी मस्त निग़ाहें का भरम रख लूंगा होश आये भी तो कहदूँगा होश नही।। - ग़ुलाम अली #ghulam #ghulamali #ghajal #urdupoet