आने की खुशी तो जाने का ग़म क्यूं। कोई किसी से नहीं फिर आंखें हैं नम क्यूं।। भेजने वाला भी तो इंतजार में बैठा है। हम तो अमानत हैं फिर ये वहम क्यू।। आने की खुशी